Sunday, November 25, 2018

बलूचिस्तान के गृह मंत्री का दावा, चीनी दूतावास पर हमले का मास्टरमाइंड भारत में

पाकिस्तान से छपने वाले उर्दू अख़बारों में इस हफ़्ते पाकिस्तान के कराची स्थित चीनी वाणिज्य दूतावास पर हुआ चरमपंथी हमला, करतारपुर कॉरिडोर खोलने का फ़ैसला, चरमपंथी संगठन तहरीक-ए-लब्बैक या रसूलअल्लाह के प्रमुख ख़ालिद रिज़वी को हिरासत में लिया जाना सबसे ज़्यादा सुर्ख़ियों में रहा.

सबसे पहले बात 23 नवंबर को कराची स्थित चीनी वाणिज्य दूतावास पर हुए चरमपंथी हमले की. इस हमले में तीन हमलावर समेत कुल सात लोग मारे गए थे. मरने वालों में दो आम नागरिक थे जबकि ड्यूटी पर तैनात दो सुरक्षाकर्मी भी मारे गए थे.

अलगाववादी संगठन बलूचिस्तान लिब्रेशन आर्मी ने हमले की ज़िम्मेदारी क़ुबूल कर ली है.

'हमले के लिए भारत ज़िम्मेदार'
बलूचिस्तान के गृहमंत्री सलीम खोसा ने इसके लिए भारत को ज़िम्मेदार ठहराया है.

पत्रकारों से बातचीत के दौरान गृहमंत्री सलीम खोसा ने आरोप लगाया कि कि चीनी वाणिज्य दूतावास पर हुए हमले का मास्टरमाइंड असलम अच्छु भारत में है.

अख़बार जंग के अनुसार मंत्री सलीम खोसा का कहना था कि इससे पहले असलम अच्छु की मौत की ख़बर आई थी लेकिन वो ग़लत थी. उन्होंने कहा कि उन्हें इसकी पूरी जानकारी है कि असलम अच्छु भारत के एक अस्पताल में अपना इलाज करवा रहे हैं.

उन्होंने कहा कि इससे साफ़ ज़ाहिर है कि भारत बलूचिस्तान में हालात ख़राब करने में पूरी तरह शामिल है.

आतंकवाद निरोधी संगठन (सीटीडी) के प्रमुख राजा उमर ख़त्ताब के अनुसार दूतावास पर हमले के लिए सी-4 प्लास्टिक विस्फोटक का इस्तेमाल किया गया था जो कि पाकिस्तान में नहीं मिलता.

अख़बार जंग के अनुसार उमर ख़त्ताब का कहना है कि चरमपंथियों को ये विस्फोटक सामग्री उन्हीं शक्तियों से मिली हैं जिन्होंने ये हमला करवाया है.

उनके अनुसार ये पाकिस्तान के दुश्मन देश की ख़ुफ़िया एजेंसी का काम है.

पाकिस्तान और चीन एक साथ'
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने हमले पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि इस मामले में सरकार, विपक्ष, सेना और चीनी सरकार सब एक साथ हैं.

अख़बार जंग के अनुसार इमरान का कहना था कि उन्होंने हाल ही में चीन के साथ जिन समझौतों पर दस्तख़त किए थे उनके विरोधियों ने चीनी वाणिज्य दूतावास पर हमले किए हैं.

अख़बार के अनुसार चीन की सरकार ने चीनी वाणिज्य दूतावास पर हुए चरमपंथी हमले को नाकाम करने के लिए पाकिस्तानी सुरक्षाकर्मियों की तारीफ़ की है.

Wednesday, November 7, 2018

बाजार से करनी है कमाई, तो आज करें निवेश की शुरुआत

आज यानी 7 नवंबर को दोनों सूचकांक पर 'मुहूर्त ट्रेडिंग' होगी. इस ट्र‍ेड‍िंग की खातिर आज शाम को 5 बजे बाजार खुलेगा. इसके बाद 6.30 बजे तक निवेश का मौका रहेगा. हालांकि इस दौरान सामान्य कारोबार आप 5.30 से 6.30 के बीच कर पाएंगे. इस दौरान आप शेयरों की खरीदारी और बिक्री कर सकेंगे.

दोनों सूचकांकों पर दी गई जानकारी के मुताबिक मुहूर्त ट्रेडिंग की शुरुआत शाम को 5 बजे से होगी. इसके बाद 5 से 5.15 बजे तक ब्लॉक डील सेशन होगा. इसके बाद 5:15 बजे से 5:23 बजे तक प्री-ओपन सेशन चलेगा.

5.30 बजे से अगले एक घंटे के भीतर सामान्य ट्रेडिंग होगी. इस दौरान आप निवेश शुरू कर सकते हैं. इसके साथ ही आप चाहें तो शेयर खरीद सकते हैं और बेच सकते हैं.

शुभ माना जाता है निवेश करना

इस दौरान कुछ लोग शेयर खरीदते हैं, तो कुछ पुराने बेचकर नए भी खरीद लेते हैं. इस समय लिए गए शेयरों को कई ब्रोकर सालभर संभाले रखते हैं और उनसे अच्छा मुनाफा कमाते हैं.

यही है मौका

अगर आप भी निवेश करने की सोच रहे हैं, तो दिवाली के इस शुभ मौके पर इसकी शुरुआत कर सकते हैं. हालांकि निवेश करने से पहले जिन शेयरों में आप निवेश कर रहे हैं उनकी सारी जानकारी हासिल कर लें.

शेयरों की जानकारी हासिल कर लें

निवेश से पहले यह जान लें कि आपको किन शेयरों से ज्यादा रिटर्न की संभावना है. विशेषज्ञों से राय मिले तो आपका निवेश और भी फायदेमंद साबित हो सकता है.

छोटी रकम से करें शुरुआत

आप शुरुआती तौर पर छोटी रकम निवेश कर सकते हैं. आगे जैसे-जैसे आपको इससे फायदा मिलने लगेगा, आप अपना निवेश बढ़ा सकते हैं.

जोखिम का रखें ख्याल

ध्यान रखिए शेयर बाजार में निवेश के साथ जोखिम भी जुड़ा होता है. ऐसे में निवेश से पहले जोखिम के स्तर को अच्छी तरह से समझ लें और उसके हिसाब से ही निवेश करें.

Monday, November 5, 2018

सड़कों पर झांकी के साथ दिवाली का जश्न शुरू

देश में राम मंदिर निर्माण को लेकर छिड़ी बहस के बीच मंगलवार को रामनगरी अयोध्या दीपों से सजाई जा रही है. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में आज अयोध्या में ऐतिहासिक दीपोत्सव मनाया जाएगा. इस भव्य आयोजन की साक्षी दक्षिण कोरिया की प्रथम महिला किम जंग सूक भी रहेंगी, वह सोमवार को ही लखनऊ भी पहुंच गई हैं.

मंंगलवार दोपहर को अयोध्या में झांकी निकलना शुरू हो गया है. रामायण के किरदारों के साथ अयोध्या के सड़कों पर झांकी निकाली जा रही है. इस दौरान हजारों की भीड़ सड़कों पर उतरी है.

छोटी दिवाली के अवसर पर अयोध्या में सरयू नदी के तट पर ना सिर्फ आज लाखों दीपक जलेंगे बल्कि लेज़र लाइट की झलक भी दिखाई जाएगी. वहीं, भव्य रामलीला का मंचन भी होगा.

पिछले कुछ दिनों से देशभर में संत समाज, राजनीतिक दलों और रामभक्तों की तरफ से अयोध्या में रामजन्मभूमि पर मंदिर निर्माण की मांग बढ़ी है, ऐसे में अयोध्या में मनाई जा रही ये भव्य दिवाली संतों को संतुष्ट भी कर सकती है.

बनेगी राम की मूर्ति?

राम मंदिर को लेकर सीएम क्या घोषणा करने वाले हैं, इसे लेकर उत्सुकता बनी हुई है. कयास लगाए जा रहे हैं कि राम मंदिर के बारे में कोई घोषणा हो सकती है. दूसरी ओर ,कहा जा रहा है कि योगी की योजना बाहर आ चुकी है.

अयोध्या में सरयू के किनारे 151 मीटर ऊंची भगवान राम की तांबे की मूर्ति बनवाने की घोषणा योगी करने वाले हैं. इतना तो तय है कि योगी जो भी घोषणा करेंगे उसका समर्थन और विरोध होना तय है. क्योंकि संतों ने पहले ही ऐलान कर रखा है कि उन्हें ऊंची प्रतिमा नहीं राम मंदिर चाहिए.  

कैसा होगा आज का प्रोग्राम?

दोपहर 3 से 3.15 बजे- सुदर्शन पटनायक की बनाई राम की बालू की प्रतिमा का यूपी के सीएम आदित्यनाथ, राज्यपाल राम नाईक, दक्षिण कोरिया की प्रथम महिला सूक राम बाजार में अनावरण करेंगे.

राजनीतिक दलों को कॉरपोरेट चंदा देने के लिए इलेक्टोरल बॉन्ड की छठवें चरण की बिक्री चल रही है. यह बिक्री 1 नवंबर से शुरू हुई है और 10 नवंबर 2018 तक जारी रहेगी. इलेक्टोरल बॉन्ड को स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की देशभर में चिन्हिंत 29 शाखाओं में बेचा जा रहा है. जहां 10 नवंबर तक इन शाखाओं से चंदा देने के लिए बॉन्ड खरीदा जा सकता है वहीं राजनीतिक दलों को खरीदे गए बॉन्ड को 15 दिनों के अंदर कैश कराना होगा.

प्रमुक बिजनेस अखबार इकोनॉमिक टाइम्स के मुताबिक मौजूदा वित्त वक्ष में राजनीतिक चंदा देने वाले सबसे बड़े ट्रस्ट प्रूडेंट इलोक्टोरल ट्रस्ट ने कुल 169 करोड़ रुपये एकत्र किए हैं. इस पैसे में लगभग 144 करोड़ रुपये से प्रूडेंट ने बीजेपी के इलोक्टोरल बॉन्ड खरीदे हैं वहीं बाकी की रकम (24 करोड़ रुपये) से अन्य पार्टियों के बॉन्ड खरीदे गए हैं.

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गौरतलब है कि प्रूडेंट इलेक्टोरल बॉन्ड मौजूदा समय में पोलिटिकल फंडिग करने वाला सबसे बड़ा ट्रस्ट है. दो साल पहले तक प्रूडेंट ट्रस्ट राजनीतिक दलों को चंदा देने के लिए सत्या इलेक्टोरल ट्रस्ट के जरिए काम करता था. इस ट्रस्ट में देश की नामी-गिरामी कंपनियां शामिल हैं जिसमें 52 करोड़ रुपये का सबसे बड़ा चंदा डीएलएफ समूह ने दिया है. इसके अलावा ट्रस्ट में भारती ग्रुप (33 करोड़), श्रौफ समूह की यूपीएम (22 करोड़) और गुजरात का टॉरेंट समूह प्रमुख कंपनियां है. इसके अलावा डीसीएम श्रीराम, कैडिला ग्रुप और हल्दिया एनर्जी ने भी इस ट्रस्ट के जरिए प्रमुख राजनीतिक दलों को इलेक्टोरल ट्रस्ट के चंदा देने का काम किया है.

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गौरतलब है कि रिपोर्ट के मुताबिक इस ट्रस्ट की तरफ से 10 करोड़ रुपये का चंदा कांग्रेस को और 5 करोड़ रुपये का चंदा ओडिशा में बीजू जनता दल को दिया गया है.

रिपोर्ट के मुताबिक चालू वित्त वर्ष में इलेक्टोरल बॉन्ड मार्केट में मौजूद सभी ट्रस्ट के जरिए लगभग 85 फीसदी चंदा बीजेपी को मिला हैं. जहां सबसे बड़े ट्रस्ट ने लगभग 90 फीसदी चंदा बीजेपी को दिया है वहीं दूसरे और तीसरे नंबर के ट्रस्ट ने भी सर्वाधिक राजनीतिक चंदा बीजेपी को दिया है. दूसरे नंबर पर मौजूद एबी जनरल इलेक्टोरल ट्रस्ट ने मौजूदा वर्ष के दौरान कुल 21 करोड़ का चंदा दिया है जिसमें 12.5 करोड़ बीजेपी, 1 करोड़ कांग्रेस और 8 करोड़ रुपये बीजेडी को दिया है. वहीं दक्षिण भारत के एक इलेक्टोरल ट्रस्ट मुरुगप्पा ट्रस्ट ने 1 करोड़ रुपये का चंदा बीजेपी तो 2 करोड़ रुपये का चंदा कांग्रेस को दिया है.